मुकेश खन्ना ने अर्णव को बताया रियल शक्तिमान,पूरा देश अर्नब के साथ है,सत्य की जीत होगी..
मंगलवार को मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक की आउटपुट एडिटर सागरिका मिश्रा को तलब किया था जिसके बाद से ही रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ गोस्वामी ने एकजुटता दिखाते हुए उनके साथ पुलिस स्टेशन जाने का फैसला किया था! उनके इस कदम के बाद ही रिपब्लिक को देशभर के लोगों का समर्थन मिल रहा है! इसी कड़ी में मशहूर अभिनेता मुकेश खन्ना ने भी अर्णब गोस्वामी को शक्तिमान बुलाते हुए मुंबई पुलिस के खिलाफ इस लड़ाई में जरूर जीतेंगे कहा है!
जिसके बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन, मुंबई के बाहर अर्नब गोस्वामी को शक्तिमान के पोज़ में खड़ा देख बहुत अच्छा लगा। उन्हें अब शक्तिमान बनने की ही आवश्यकता है। सत्य के लिए लड़ना, अपने सहयोगी का साथ देने ख़ुद पहुंचना, शक्तिमान का ही गुण है। देश उनके साथ है, शक्तिमान की शक्ति साथ है। जीतेंगे वो!”
ऐनऐम जोशी मार्ग पोलिस स्टेशन,मुंबई के बाहर अर्णब गोस्वामी को शक्तिमान के पोज़ में खड़ा देख बहुत अच्छा लगा।उन्हें अब शक्तिमान बनने की ही आवश्यकता है।सत्य के लिए लड़ना,अपने सहयोगी का साथ देने ख़ुद पहुँचना,शक्तिमान का ही गुण है।देश उनके साथ है, शक्तिमान की शक्ति साथ है।जीतेंगे वो। pic.twitter.com/MxUmFiWZBv
— Mukesh Khanna (@actmukeshkhanna) October 27, 2020
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सागरिका मिश्रा को सुबह 10:00 बजे मुंबई पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था जिसके लिए खुद अर्नब गोस्वामी उनको छोड़ने के लिए गए! उन्होंने पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े होकर कहा- “मैं अब रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के अपने सभी सहयोगियों की ओर से बोलना चाहता हूं, मैं ऐतिहासिक भारत माता सिनेमा थियेटर के सामने हूं। यह स्थान भारतीय इतिहास में बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1946 में यहां मिल मजदूरों ने मिलकर ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ हाथ मिलाया था। उद्धव सरकार ने अब 1922 के ब्रिटिश काल के औपनिवेशिक कानून को वापस लागू कर दिया है, स्वतंत्रता के बाद इसका उपयोग कभी भी पत्रकारों के लिए नहीं किया गया लेकिन इसका उपयोग मेरे नेटवर्क और मेरे पत्रकारों के खिलाफ किया गया है। सागरिका पुलिस स्टेशन जा रही है और सागरिका मेरे सहित उन 1000 कर्मचारियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ अब FIR दर्ज है।”
“यह सिर्फ अन्याय नहीं है, यह नफरत है कि एक स्वतंत्र देश में, इस औपनिवेशिक कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ खुले अत्याचार किए जा रहे हैं। इसलिए, मैं देश में सभी सही सोच रखने वाले लोगों से उनकी आवाज उठाने के लिए कह रहा हूं कि वे महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को, विशेष रूप से पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को बताएं कि हम ऐसा होने नहीं देंगे और उन्हें खुली चुनौती देंगे। मैं सागरिका और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सभी एडिटर्स के साथ एकजुटता से खड़ा हूं। वंदे मातरम।”